الاثنين، 13 سبتمبر 2010

?क्या शव्वाल के रोज़े प्रति वर्ष रखना ज़रूरी हैं

क्या शव्वाल के रोज़े प्रति वर्ष रखना ज़रूरी हैं ?

एक व्यक्ति शव्वाल के छ: रोज़े रखता है, उसे कोई बीमारी या कोई रूकावट आ गई या सुस्ती और काहिली के कारण वह किसी साल उसका रोज़ा नहीं रखा, तो क्या उस पर कोई गुनाह है ? क्योंकि हम यह बात सुनते हैं कि जो व्यक्ति किसी वर्ष उसका रोज़ा रख लेता है तो उस के ऊपर उसे न छोड़ना अनिवार्य हो जाता है।

ईद के दिन के बाद शव्वाल के महीने में छ: रोज़े़ रखना सुन्नत है, और जिसने एक बार या उस से अधिक बार उसका रोज़ा रख लिया तो उसके ऊपर निरंतर (अर्थात् प्रति वर्ष) उसका रोज़ा रखना अनिवार्य नहीं हो जाता है, और उसका रोज़ा न रखने वाला गुनाहगार नहीं होता है।

और अल्लाह तआला ही तौफीक़ देने वाला (शक्ति का स्रोत) है। तथा अल्लाह तआला हमारे पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, आप की संतान और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।

इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति के फतावा (10/391) से।

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